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शुक्रवार, अक्तूबर 07, 2016

"जुनून के पीछे भी झांकें" (चर्चा अंक-2488)

मित्रों 
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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दोहे  

"ले लो पाकिस्तान" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

माँग रहा है देश अब, मोदी से उपहार।
विजयादशमी पर्व को, कर देना साकार।।
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कर दो पाकिस्तान को, नक्शे पर से साफ।
आतंकी इस देश को, अब मत करना माफ।।
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हर्ष और उल्लास के, अब हैं पर्व समीप।
तेल नहीं घी के जलें, दीवाली पर दीप... 

एक क़़ता 

नशा पैसे का हो या पद का, सर चढ़ बोलता है 
बहक जाए कभी तो राज़-ए-दिल भी खोलता है 
बलन्दी आसमां सी है मगर ईमान बौना 
जहाँ ज़र दिख गया ईमान उसका डोलता है... 
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक 
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नारी सशक्त हो रही है 

अभी तो चंद सितारे चुराये हैं आसमां से अभी तो बहुत सितारों से आसमा भरा है टांग लेंगे सारे सितारे इस चूनर पर तब आपको लगेगा कि आसमा भी हम से डरा है बादलों का रंग भी कुछ बदल सा गया है चांद ने सोलह कलाओं को अपन बांध लिया है उसको डर है उसकी आभा न चली आये हमारे संग एक एक कर उन कलाओं को हमने साध लिया है। 
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असलियत 

*लघुकथा*  
मैंने सोचा किसीसे असलियत पता लगाऊं। मगर चारों तरफ़ सामाजिक, धार्मिक, सफ़ल, महान और प्रतिष्ठित लोग रहते थे। फिर मुझे ध्यान आया कि असलियत तो मैं कबसे जानता हूं। 
Sanjay Grover 
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कितने मौसम आते हैँ! 

कितने मौसम आते हैँ ,जब पंछी मिलकर गाते हैँ 
बादल ज्यूँ उड़ जाता है ,वो चुपके से खो जाते हैँ... 
नीलांश 
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कौन कहता है ओंकोलॉजी के डॉक्टर 

बडविग प्रोटोकोल के खिलाफ हैं? 

आप सब अच्छी तरह जानते हैं कि डॉ. सुरेश एच. अडवानी भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े कैंसर विशेषज्ञ हैं। डॉ. सुरेश अडवानी भारत में स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन के जनक है। इन्हें कई अवार्ड्स से नवाज़ा गया है, जैसे राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड, पद्मभूषण, डॉ. बी.सी.रॉय नेशनल अवार्ड, लाइफ टाइम अचीवमेंट इन ओंकोलॉजी, पद्मश्री, धनवंतरी अवार्ड इत्यादि। रायपुर छ.ग. के सतीश शर्मा अपनी पत्नी को दिखाने डॉ. सुरेश एच. अडवानr के पास गए। डॉ. अडवानी ने कहा कि इन्हें खूब पनीर खिलाइए... 
Shri Sitaram Rasoi 
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सत्ता की भूख 

कुछ दिनों पहले एक फिल्म आई थी, "जमीन", जो हाईजैक हुए हवाई जहाज के यात्रियों को बचाने के प्रयास पर फिल्माई गयी थी। उसमें एक बड़बोले नेता का चरित्र रचा गया था, जिसे जब कमांडो ऑपरेशन में सम्मिलित होने को कहा जाता है तो उसकी धोती ढीली हो जाती है। क्यों नहीं ऐसे प्रमाण-इच्छुक लोगों को भविष्य में होने वाले किसी "सफाई अभियान" में जबरन शामिल कर उन्हें वातानुकूलित कमरे और प्राकृतिक सरहद का भेद समझा दिया जाए  अभी तक कुछ गिने-चुने ऐसे संस्थान बचे हुए हैं जिनका क्रिया-कलाप तथा दामन, इक्की-दुक्की घटनाओं के बावजूद पाक-साफ़ माना जाता है। 
देश की जनता का जिन पर अटूट विश्वास और श्रद्धा है। ...  
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा 
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नौ दुर्गा -प्रार्थना 

नौ दिनों की माँग भक्तों की माँ सुनना चाहिए 
वे बुलाते तो माँ उनके घर में आना चाहिए | 
शांति की देवी तू, संकट मोचनी दुख नाशिनी 
भक्त को सुख शान्ति का वर दान देना चाहिए | 
खड्ग हस्ता, ढाल मुद्गर, शूल अस्त्रों धारिणी 
विध्न वाधा नाश माँ इस वक्त होना चाहिए | 
अम्बे गौरी श्यामा गौरी, तुम विराजत सब जगत 
शत्रु घाती दुख विनाशी, तेरी करुणा चाहिए | 
धूप कुमकुम पुष्प चन्दन से किया माँ आरती 
भूल चुक जो भी मेरा सब माफ़ होना चाहिए... 
कालीपद "प्रसाद" 
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सीने का नाप आज तोताराम 
एक नई ही सजधज में था- 
नाक की नोक पर नज़दीक की नज़र का चश्मा 
जो अब गिरूँ तब गिरूँ की मुद्रा में रखा था... 
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पाकिस्तानी कलाकारों से इतना प्रेम क्यों? 

आतंकवादी  हमलों से आहत भारत के नागरिक चाहते हैं कि पाकिस्तान का समूचा बहिष्कार किया जाए। इस सिलसिले में बॉलीवुड से पाकिस्तानी कलाकारों को बाहर करने और उन्हें काम नहीं देने की माँग जोर पकड़ रही है। यह माँग स्वाभाविक है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन, बॉलीवुड से लेकर अन्य कला और तथाकथित बौद्धिक जगत इस विषय पर भी दो हिस्सों में बँटा नजर आ रहा है। देश का सामान्य आदमी समझ नहीं पा रहा है कि आखिर पाकिस्तानी कलाकारों से इतना प्रेम क्यों है... 
अपना पंचू 
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हमारी दुआओं का हो नहीं रहा कुछ असर 
खुदा है तो खुदा बन, क्यों बनता है पत्थर |

महौले-दहशत कब तक रहेगा जिंदगी में 
बड़ा बेचैन हैं दिल, बड़ी परेशान है नजर | 

देकर सब कुछ, अब छीन रही खुशियाँ 
ऐ तकदीर, तू मुझसे ऐसा मजाक न कर | 

यहाँ मैं रहूँ वो जगह सराए से कम नहीं 
कीमत वसूल रही है दौलत, छीनकर घर | 

दौरे-दहशत में अब सूझता कुछ भी नहीं 
किस राह चलूँ मैं, कौन-सा है मेरा सफर |

बेबसी का अहसास तो ' विर्क ' उनसे पूछो 
समेटते-समेटते गया जिनका सब कुछ बिखर | 
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7 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर शुक्रवारीय चर्चा । आभार 'उलूक' के सूत्र 'फेसबुक में पोस्ट की गयी तस्वीर और स्टेटमेंट ही देशभक्ति होती है सारे देशभक्त समझ रहे होते हैं' को जगह देने के लिये ।

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  2. उम्दा चर्चा...मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  3. बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !

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  4. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं

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